स्त्री और पुरुष को नग्न होकर क्यों नहीं नहाना चाहिए |

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स्त्री और पुरुष को नग्न होकर क्यों नहीं नहाना चाहिए |

पदम् पुराण के अनुसार स्त्री और पुरुष को नग्न होकर कभी नहीं नहाना चाहिए |

आपमें से अधिकतर लोग रोज नहाते होंगे है लेकिन बहुत से लोग तो पूर्ण रूप से नग्न होकर नहाना पसंद करते है |



दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे है पदम् पुराण  के अनुसार पूर्ण रूप से नग्न होकर आखिर क्यों नहीं नहाना चाहिए | दोस्तों ये सोचने की बात है की आखिर क्या ऐसी वजह है जो हमें पूर्ण रूप से नग्न होकर नहीं नहाना चाहिए | क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है अगर नहीं किया तो कोई बात नहीं आज हम आपको बताने जा रहे है की इसका क्या कारण है जो हमे ये कार्य नग्न होकर बिलकुल भी नहीं करना चाहिए |

आधुनिक समय के अनुसार


दोस्तों आपमें से अधिकतर लोग रोज नहाते होंगे है ना और नहाये भी क्यों ना क्योकि नहाने के बाद ही मनुष्य अपने आपको तारो ताज़ा महसूस करता है लेकिन बहुत से लोग तो पूर्ण रूप से नग्न होकर नहाना पसंद करते है या होंगे | लेकिन ये पदम् पुराण  के अनुसार बिलकुल गलत है | कलयुग में स्नान  करने के तरीके में बहुत बदलाव आया है वक़्त के साथ साथ स्नान  में भी आधुनिकता का प्रभाव बढ़ गया है प्राचीन काल में लोग खुले में नहाते थे जैसे खुली नदी में या किसी झील में लेकिन आज के मानव ने नहाने के लिए अलग से कमरों का निर्माण कर लिया है जो पूर्ण रूप से गुप्त होते है यही कारण है की ज्यादातर लोग पूर्ण रूप से नग्न होकर नहाना पसंद करते है जो आज के समय में बिलकुल आम बात है लेकिन क्या आप जानते है की पदम् पुराण  में नग्न होकर नहाना वर्जित है |

प्राचीन काल के अनुसार


क्योकि पदम् पुराण  के अनुसार श्री कृष्ण ने नग्न होकर नहाने के विषय में ज्ञान दिया था | श्री कृष्ण की कथा के अनुसार सरोवर में गोपिया नहाने के लिए अपने सारे वस्त्र उतार कर नदी में प्रवेश किया करती थी और कृष्ण अपनी लीला से उन गोपियों के वस्त्र चुरा लिया करते थे और जब गोपिया नहा कर वापिस आती थी तो उन्हें अपने वस्त्र नहीं मिला करते थे तब काफी प्रयास के बाद भी गोपियों को अपने वस्त्र नहीं मिलते थे फिर कही जाकर कृष्ण उनके सामने आकर उन्हें कहते थे की तुम्हारे वस्त्र वहां सामने पेड़ पर रखे है जा कर लेलो लेकिन पूर्ण रूप से नग्न होने की वजह से गोपिया जल से बहार आने में शर्म महसूस करती थी और कहती थी की हम पूर्ण रूप से निर्वस्त्र है भला हम इस हालत में बाहर कैसे आ सकती है और वैसे भी जब हम यहां स्नान के लिए आयी थी तब यहां कोई भी मौजूद नहीं था तब उस वक़्त श्री कृष्ण ने मुस्कुरा कर कहा की ऐसा सिर्फ तुम समझती हो की यहां कोई मौजूद नहीं था अरे मैं तो हर जगह हर वक़्त कण कण में मौजूद हूँ | यहां आसाम में उड़ने वाले पक्षिओ और जल में मौजूद जीवो ने भी तुम्हे निर्वस्त्र देखा है और साथ ही जब तुम निर्वस्त्र होकर जल में गयी तो जल देवता वरुण ने भी तुम्हे नग्न देखा |

नग्न होकर नहाने का नुक्सान


नग्न होकर नहाने से पित अतृप्त होकर नाराज हो जाते है जिससे मनुष्य का बल, मन, तेज़, और धन का नुक्सान होता है इसी लिए पूर्ण नग्न होकर कभी भी नहीं नहाना चाहिए |


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