क्या सच में होती है मछलियों की बारिश | Rain of Fish Story
Rain-Of-Fish-Story In Hindi |
मछलियों की बारिश के पीछे की सचाई जानते है आप या नहीं |
Rain of Fish Story Full Biography.
क्या सच में होती है मछलियों की बारिश आईये जानते है |
बारिश का मौसम हा भाई भला ये मौसम किसे नहीं पसंद होता सभी को भाता है ये मौसम कभी सुकून का एहसास करवाता है ये मौसम तो कभी रोमांस का बच्चो से लेकर बूढ़ो तक को बहुत पसंद होता है ऐसा सुहावना मौसम पर कभी बारिश में ही आश्चर्यजनक घटना घाट जाये तो कैसा लगेगा जिसकी कभी आप उम्मीद ही न करे और आपकी आँखों के सामने वो हो जाये जो नामुमकिन हो जी हा क्या कभी आपने पानी के अलावा कभी मछलियों की बारिश देखि है | नहीं देखि न चलो हम आज आपको बता देते है इस दुनिया में बहुत सी ऐसी जगह है झा मछलियों की बारिश होती है लगभग पिछले सौ सालो से मछलियों की बारिश होती आ रही है | यहां के स्थानीय लोग इसे एक त्यौहार की तरह भी मनाते है | लेटिन अमेरिकन कंट्री Honduras की राजधानी योरो में हर साल गर्मियों में यहां मछलियों की बरसात होती है | लोग यहां पर मौसमी त्यौहार मनाते है |
इस त्यौहार की सबसे खास बात ये है की यहां त्यौहार के समय में ही ये मछलियों की बारिश होती है Honduras के निवासी इस घटना को धार्मिक गुरु फादर सुविराना के चमत्कार से जोड़ कर देखते है | इस लोक कथा के अनुसार साल 1866 में फादर सुविराना Honduras आने के बाद यहां रहने लगे थे और उन्हीने लोगो की गरीबी देख कर एक निश्चय किया की वो भगवान से प्राथना करेंगे |
मछलियों की बारिश की धार्मिक मान्यता |
Rain Of Fish Story pics |
फिर फादर सुविराना ने भगवान से प्राथना शुरू कर दी और लगातार तीन दिनों तक भगवान् से प्राथना करते रहे और तीसरे दिन भगवान ने फादर की पुकार सुन ली और और आसमान से मछलियों की जोरदार बारिश शुरू हो गयी जिससे वहां के रहने वाले लोगो की भूख मिटी और फिर उसके बाद से ही हर साल यहां गर्मियों में मछलियों की बारिश होनी शुरू हो गयी | वैसे ये मछलियों की बारिश श्रीलंका सिंगापूर और भारत में भी देखि जा सकती है | भारत के गुजरात और केरल में इस तरह की घटना देखि गयी है |
मछलियों की बारिश की वैज्ञानिक धारणा |
Fish-rain-in-Krishna |
यदि हम विज्ञान की बात करे तो विज्ञान के आधार पर ये मछलिया तूफ़ान और टोर्नेडो की वजह से बदलो में फस्स जाती है | ये सब जल स्तम्भ और बवंडर के कारण होता है | होता ये है जब बवंडर समुन्द्र की धरातल को पार करता है तो ऐसी स्तिथि में पानी तूफ़ान का रूप ले लेती है और उस पानी के तूफ़ान में मछलिया और अन्य जीव भी आ जाती है और वो तूफ़ान उन्हें अपने साथ ले जाता है और वो मछलिया तब तक उस तूफ़ान में ही फास्सी रहती है जब तक हवा की गति काम नहीं हो जाती | जैसे ही हवा की रफ़्तार काम होती है तो मछलिया निचे गिना शुरू हो जाती है तब ऐसा परतीत होता है जैसे मछलियों की बारिश हो रही हो |
तो दोस्तों ये था मछलियों की बारिश का धार्मिक और वज्ञानिक कारण यदि हमसे इस जानकारी में कोई त्रुटि हुई है या किसी जगह का नाम गलत लिखा हिअ या किसी भी प्रकार की कोई अन्य गलती हुई है तो हम उसके लिए खेद है आप अपने विचार भी रख सकते है आप कमेंट्स कीजिये |
Comments
Post a Comment